भगवान भैरव की साधनायें कई प्रकार की होती हैं | जिनमें से प्रमुख हैं काल भैरव और बटुक भैरव साधनायें | इसके साथ साथ उग्र भैरव, असितंग भैरव, क्रोध भैरव, स्वर्णाकर्षण भैरव, भैरव-भैरवी आदि साधनायें भी होती हैं |
भैरव को शिव का रूद्र रूप माना जाता है | तंत्र साधना में भैरव के 8 रूप बहुत लोकप्रिय हैं -1.असितांग भैरव, 2. रु-रु भैरव, 3. चण्ड भैरव, 4. क्रोधोन्मत्त भैरव, 5. भयंकर भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव तथा 8. संहार भैरव। आदि शंकराचार्य ने प्रपंच सार मन्त्र में अष्ट भैरवों के नाम लिखे हैं | तंत्र शास्त्र में भी इनका ज़िक्र मोजूद है |इसके इलावा सप्तविंशति रहस्य में 7 भैरवों के नाम लिखे हैं|रुद्राय्मल तंत्र में ६४ भैरवों का नाम लिखा हुआ है |