गन्धर्व देवताओं के साथी माने जाते हैं | विक्रमादित्य के पिता गंधार्व्सेभी थे | गन्धर्व नाम की एक जाती पुराने समय में हिमालय के उत्तर में रहती थी | ये जाती नृत्य और संगीत में निपुण थी | वे इंद्र के दरबार में नृत्य और संगीत का काम करते थे |
 
गन्धर्व देवताओं के लिए सोम रस प्रस्तुत करते थे | विष्णु पुराण में लिखा है की वह ब्रह्मा के पुत्र थे और क्यूंकि वह जन्म के समय माँ वाग्देवी का पाठ कर रहे थे इसलिए इन्हें गन्धर्व भी कहते हैं | कृषि कश्यप की पत्नी अरिष्ठा से इन गन्धर्वों का जन्म हुआ | अथर्ववेद में इनकी संख्या ६३३३ बताई गयी है |

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel