स्नान मंत्र
 
 
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
 
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
 
पूजन के समय सूर्य आराधना के लिए :
 
सूर्य नमस्कार

 
 
ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च
आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने।
 
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्।।
 

ॐ मित्राय नम:
 ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
 ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
 ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
 ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:
 
 आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
 
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते।।
 

 
दीप प्रज्वलन के समय इस मंत्र का स्मरण करें :
 
दीप दर्शन
 
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
 
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
 
 
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
 
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।

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