प्रथम चरण में शनि जब चन्द्रमा से 12 वें भाव में गुजरता है तब ढाई वर्ष में जो नतीजे मिलते हैं वह इस प्रकार हैं। इस क्रम में व्यक्ति के माता पिता एवं नज़दीकी सम्बन्धियों को और उसको खुद भी अशुभ परिणाम भुगतने होते है। इस दौरान आंखों में पीड़ा की अनुभूति होती है। इस स्थिति में शनि तीसरी दृष्टि से 2 भाव को देखता है जिससे आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान दशम दृष्टि से नवम भाव को देखने से कार्यों में बाधा महसूस होती है और व्यक्ति के पिता को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है |