शिव को संहार का देवता भी कहा गया है। अर्थात जब भी  मनुष्य अपनी सभी मर्यादाओं को तोडऩे लगता है तब शिव ही उसका संहार कर देते हैं। जिन्हें अपने पाप कर्मों का फल भोगना बचा रहता है वे ही प्रेतयोनि को प्राप्त होते हैं। चूंकि शिव संहार के देवता हैं इसलिए इनको दंड भी वे ही देते हैं। इसलिए शिव को भूत-प्रेतों का देवता भी कहा जाता है। दरअसल यह जो भूत-प्रेत है वह कुछ और नहीं बल्कि सूक्ष्म शरीर का प्रतीक है। भगवान शिव का यही  संदेश है कि हर तरह के जीव जिनसे सब घृणा करते हैं या भय करते हैं वे भी शिव के समीप पहुंच सकते हैं, केवल शर्त है कि वे अपना सब कुछ  शिव को समर्पित कर दें।
Comments
Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel