इसके बाद समुद्र मंथन से पारिजात वृक्ष निकला। इस वृक्ष की ये खूबी थी कि इसे छूने से ही थकान मिट जाती थी। यह भी देवताओं के हिस्से में गया। समुद्र मंथन से पारिजात वृक्ष के निकलने का अर्थ सफलता प्राप्त होने से पहले मिलने वाली शांति है। जब आप (अमृत) परमात्मा के इतने निकट पहुंच जाते हैं तो आपकी थकान स्वयं ही दूर हो जाती है और मन में शांति का अहसास होता है।