समुद्र मंथन से सबसे अंत में भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर निकले। भगवान धन्वंतरि प्रतीक हैं निरोगी तन व निर्मल मन के। जब आपका तन निरोगी और मन निर्मल होगा तभी इसके भीतर आपको परमात्मा की प्राप्ति होगी। समुद्र मंथन में 14 स्थान पर अमृत निकला। इस 14 अंक का अर्थ है ये है 5 कमेंद्रियां, 5 जननेन्द्रियां तथा अन्य 4 हैं- मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार। इन सभी पर नियंत्रण करने के बाद में परमात्मा प्राप्त होते हैं।
Comments
Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel

Books related to समुद्र मंथन -कथा और महत्त्व


पंचतंत्र
राजे शिवछत्रपती Shivaji Maharaj
गुरुचरित्र
अजरामर कथा
शिवचरित्र
अधिकमास माहात्म्य पोथी
गणेश पुराण
विनोदी कथा भाग १
पवन पुत्र हनुमान के जीवन से जुड़े राज़
अश्वमेध- एक काल्पनिक रम्यकथा
पौराणिक कथा - संग्रह २
डिटेक्टिव्ह अल्फा आणि हरवलेली अंगठी
मोहम्मद आयशाचे शापित जहाज
पौराणिक कथा - संग्रह १
श्री शिवलीलामृत