'राम' यह शब्द दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं महत्वपूर्ण है इसका उच्चारण। 'राम' कहने मात्र से शरीर और मन में से अलग ही तरह की प्रतिक्रिया होती है, जो हमें आत्मिक शांति देती है। इस शब्द की ध्वनि पर कई शोध हो चुके हैं और इसका चमत्कारिक असर सिद्ध किया जा चुका है इसीलिए ये भी कहा जाता है  कि 'राम से भी बढ़कर श्रीरामजी का नाम है'।

प्रभु श्रीराम नाम के उच्चारण से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जो लोग ध्वनि विज्ञान से परिचित हैं वे जानते हैं कि 'राम' शब्द की महिमा अपरंपार है। 
 
जब हम 'राम' कहते हैं तो हवा या रेत पर एक विशेष आकृति का निर्माण होता है। उसी तरह चित्त में भी विशेष लय आने लगती है। राम या मार : 'राम' का उल्टा होता है म, अ, र अर्थात 'मार'। 'मार' बौद्ध धर्म का शब्द है। 'मार' का अर्थ है- इंद्रियों के सुख में ही रत रहने वाला और दूसरा आंधी या तूफान। श्रीराम को छोड़कर जो व्यक्ति अन्य विषयों में मन को रमाता है, मार उसे वैसे ही गिरा देती है, जैसे सूखे वृक्षों को आंधियां। 

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