महाभारत के शांति पर्व के अनुसार युद्ध समाप्त होने के बाद जब कुंती ने युधिष्ठिर को बताया कि कर्ण तुम्हारा बड़ा भाई था तो पांडवों को बहुत ज्यादा दुख हुआ। तब युधिष्ठिर ने विधि-विधान पूर्वक कर्ण का अंतिम संस्कार किया। माता कुंती ने जब पांडवों को कर्ण के उनके जन्म का रहस्य बताया तो शोक में आकर युधिष्ठिर ने संपूर्ण स्त्री जाति को श्राप दिया कि – आज से कोई भी स्त्री कोई भी गुप्त बात छिपा कर नहीं रख सकेगी।