द्रौपदी के चीर हरण के समय भी भीष्म चुप बने रहे और इसी के चलते भगवान कृष्ण को महाभारत युद्ध में कौरवों के खिलाफ खड़े होने का फैसला करना पड़ा। चीर हरण महाभारत की ऐसी घटना थी जिसके चलते पांडवों के मन में कौरवों के प्रति नफरत का भाव स्थायी हो गया। यह एक ऐसी घटना थी जिसके चलते प्रतिशोध की आग में सभी जल रहे थे।