कृष्ण के बारे में अक्सर यह कहां जाता है कि उनकी 16 हजार पटरानियां थी। लेकिन यह तथ्य गलत है। उनकी मात्र 8 पत्नियां थीं।
कृष्ण की जिन 16 हजार पटरानियों के बारे में कहा जाता है दरअसल वे सभी भौमासर जिसे नरकासुर भी कहते हैं उसके यहां बंधक बनाई गई महिलाएं थीं जिनको श्रीकृष्ण ने मुक्त कराया था। ये महिलाएं किसी की मां थी, किसी की बहिन तो किसी की पत्नियां थी जिनको भौमासुर अपहरण करके ले गया था।
दरअसल, ब्रह्मवैवर्त पुराण, गीत गोविंद और कथाओं में इसका जिक्र है कि राधा, ललिता आदि उनकी प्रेमिकाएं थीं। राधा की कुछ सखियां भी कृष्ण से प्रेम करती थीं जिनके नाम निम्न हैं- चित्रा, सुदेवी, ललिता, विशाखा, चम्पकलता, तुंगविद्या, इन्दुलेखा, रग्डदेवी और सुदेवी। माना जाता है कि ललिता नाम की प्रेमिका को मोक्ष नहीं मिल पाया था, तो बाद में उसने मीरा के नाम से जन्म लिया।
श्रीकृष्ण की प्रेमिका राधा का जिक्र महाभारत में कहीं भी नहीं मिलता है। इसके अलावा सबसे पुराने हरिवंश और विष्णु पुराण में भी कहीं राधा का जिक्र नहीं मिलता। भागवत पुराण में भी राधा का जिक्र नहीं है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के बारे में कहा जाता है कि संभवत: यह शायद चाणक्य या गुप्तकाल में लिखा गया था।