अशोक वृक्ष को हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र और लाभकारी माना गया है। अशोक का शब्दिक अर्थ होता है- किसी भी प्रकार का शोक न होना। मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में अशोक के पत्तों का प्रयोग किया जाता है।

माना जाता है कि अशोक वृक्ष घर में लगाने से या इसकी जड़ को शुभ मुहूर्त में धारण करने से मनुष्य को सभी दुखों  से मुक्ति मिल जाती है। यह रसायन और उत्तेजक है। इसके उपयोग से चर्म रोग भी दूर होता है। अशोक का वृक्ष घर में उत्तर दिशा में लगाना चाहिए जिससे घर  में सकारात्मक ऊर्जा का संचारण बना रहता है। घर में अशोक के वृक्ष होने से सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहती है तथा अकाल मृत्यु नहीं होती। 

अशोक का वृक्ष दो प्रकार का होता है- एक तो असली अशोक वृक्ष और दूसरा उससे मिलता-जुलता नकली अशोक वृक्ष। नकला अशोक वृक्ष देवदार की जाति का लंबा वृक्ष होता है। इसके पत्ते आम के पत्तों जैसे होते हैं। इसके फूल सफेद, पीले रंग के और फल लाल रंग के होते हैं। 

असली अशोक का वृक्ष आम के पेड़ जैसा छायादार होता है। इसके पत्ते 8-9 इंच लंबे और दो-ढाई इंच चौड़े होते हैं। इसके पत्ते शुरू में तांबे जैसे रंग के होते हैं इसीलिए इसे 'ताम्र पल्लव' भी कहते हैं। इसके नारंगी रंग के फूल वसंत ऋतु में आते हैं, जो बाद में लाल रंग के हो जाते हैं। सुनहरे लाल रंग के फूलों वाला होने से इसे 'हेमपुष्पा' भी कहा जाता है।

Comments
Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel