हिन्दू धर्म में नारियल के बगैर कोई मंगल कार्य संपन्न होता ही नहीं। नारियल का खासा धार्मिक महत्व है ।एक  60 फुट से 100 फुट तक ऊंचा नारियल का पेड़ लगभग 80 वर्षों तक जीवित रहता है। 15 वर्षों के बाद उस पेड़ में फल लगते हैं।

पूजा के दौरान कलश में पानी भरकर उसके ऊपर नारियल रखा जाता है। यह मंगल का प्रतीक है। नारियल का प्रसाद भगवान को चढ़ाया जाता है। 

इस पेड़ का प्रत्येक भाग किसी न किसी काम में आता है। ये भाग किसानों के लिए बड़े उपयोगी सिद्ध हुए हैं। इसे घरों के पाट, फर्नीचर आदि बनाए जाते हैं। पत्तों से पंखे, टोकरियां, चटाइयां आदि बनती हैं। इसकी जटा से रस्सी, चटाइयां, ब्रश, जाल, थैले आदि अनेक वस्तुएं बनती हैं। यह गद्दों में भी भरा जाता है। नारियल का तेल सबसे ज्यादा बिकता है।

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