नायक और नायिकाओं नाम का भी एक समूह था। नायिकाओं को यक्षिणियां तथा अप्सराओं की उप-जाति भी माना जाता था। ये मन मुग्ध करने वाली अति सुन्दर स्त्रियां होती थीं। ये मुख्यतः आठ हैं, 1. जया 2. विजया 3. रतिप्रिया 4. कंचन कुंडली 5. स्वर्ण माला 6. जयवती 7. सुरंगिनी 8. विद्यावती।
इन नायिकाओं को भी ऋषि-मुनियों की कठिन तपस्या को भंग करने हेतु देवताओं द्वारा नियुक्त किया गया था। इनकी भी साधनाएं की जाती है जो वशीकरण तथा सुंदरता प्राप्ति हेतु होती है। नारियों को आकर्षित करने का हर उपाय इन के पास हैं।