भारत पर यूं तो छोटे-बड़े आक्रमण होते रहे हैं लेकिन पहला बड़ा आक्रमण सिकंदर ने ही किया था। सिकंदर और पोरस के बीच हुए युद्ध में पोरस की जीत हुई थी। सिकंदर ने भारत के पश्चिमी छोर पर बसे पोरस के राज्य पर आक्रमण किया था। पोरस के राज्य के आसपास दो छोटे-छोटे राज्य थे- तक्षशिला और अम्भिसार। तक्षशिला, जहां का राजा अम्भी था और अम्भिसार का राज्य कश्मीर के चारों ओर फैला हुआ था। अम्भी का पुरु से पुराना बैर था इसलिए उसने सिकंदर से हाथ मिला लिया। अम्भिसार ने तटस्थ रहकर सिकंदर की राह आसान कर दी। दूसरी ओर धनानंद का राज्य था वह भी तटस्थ था। ऐसे में पोरस को अकेले ही लड़ना पड़ा।
इस युद्ध के बाद भारत का पश्चिमी छोर कमजोर होने लगा। यवन आक्रांताओं के आक्रमण बढ़ने लगे। संपूर्ण अफगानिस्तान उक्त काल में भारत का पश्चिमी छोर था जहां उपगणस्थान, गांधार और केकय प्रदेश थे और ये सभी बौद्ध राष्ट्र बन चुके थे। यही हाल भारत के पूर्वी छोर पर हुआ, जहां तिब्बत (त्रिविष्टप), ब्रह्मदेश (बर्मा), श्यामदेश (थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया), जावा और सुमात्रा का था, लेकिन पश्चिमी छोर की अपेक्षा ये सभी क्षेत्र शांत थे। बौद्ध धर्म के उदय के बाद अखंड भारत के बहुत से हिस्से बौद्ध वर्चस्व वाले बनने लगे। अहिंसा और लोकतंत्र यहां के शासन के प्रमुख अंग थे।