अब बद्रीनाथ में भी नहीं होंगे भगवान के दर्शन, क्योंकि मान्यता के अनुसार जोशीमठ में स्थित नृसिंह भगवान की मूर्ति का एक हाथ साल-दर-साल पतला होता जा रहा है।
 
भविष्यवाणी : माना जाता है कि जिस दिन नर और नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे, बद्रीनाथ का मार्ग पूरी तरह बंद हो जाएगा। भक्त बद्रीनाथ के दर्शन भी नहीं कर पाएंगे। पुराणों के अनुसार आने वाले कुछ वर्षों में वर्तमान बद्रीनाथ धाम और केदारेश्वर धाम लुप्त हो जाएंगे और वर्षों बाद भविष्य में भविष्यबद्री नामक नए तीर्थ का उद्गम होगा।
 
पुराणों में बद्री-केदारनाथ के रूठने का जिक्र मिलता है। पुराणों के अनुसार कलियुग के 5,000 वर्ष बीत जाने के बाद पृथ्‍वी पर पाप का साम्राज्य होगा। कलियुग अपने चरम पर होगा तब लोगों की आस्था लोभ, लालच और काम पर आधारित होगी। सच्चे भक्तों की कमी हो जाएगी। ढोंगी संतजन धर्म की गलत व्याख्‍या कर समाज को दिशाहीन कर देंगे, तब इसका परिणाम यह होगा कि धरती पर मनुष्यों के पाप को धोने वाली गंगा स्वर्ग लौट जाएगी।
 

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel