'भविष्य दीपिका' ग्रंथ के अनुसार शाक शालिवाहन के 1600 वर्ष व्यतीत हो जाने पर (विक्रम संवत् 1738) संपूर्ण जीवों के उद्धार के लिए इस ब्रह्मांड में 'कल्कि' का आगमन होगा। (अध्याय-3)|वे प्राणियों का उद्धार करेंगे।
कल्कि पुराण हिन्दुओं के विभिन्न धार्मिक एवं पौराणिक ग्रंथों में से एक है। यह एक उपपुराण है। इस पुराण में भगवान विष्णु के 10वें तथा अंतिम अवतार की भविष्यवाणी की गई है और कहा गया है कि विष्णु का अगला अवतार (महा अवतार) 'कल्कि' अवतार होगा। इसके अनुसार 4,320वीं शती में कलियुग के अंत के समय में कल्कि अवतार लेंगे।
कल्कि पुराण के अनुसार कल्कि का जन्म मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) के संभल जिले में होगा। वह अपने अभिभावकों की 5वीं संतान होगा और उसके पिता का नाम विष्णुयश अथवा माता का नाम सुमति होगा। कल्कि के भीतर दैवीय शक्तियां होंगी। सामान्य तौर पर वह बेहद खूबसूरत और श्वेत होगा लेकिन उसका क्रोधी रूप बेहद डरावना हो जाएगा। कल्कि बेहद बुद्धिमान और साहसी युवक होगा जिसके सोचने भर से ही अस्त्र-शस्त्र और वाहन उसके समक्ष उपस्थित होंगे। कल्कि सभी बुराइयों और बुरे व्यक्तियों का नाश कर पुन: सतयुग की स्थापना करेगा।