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Sai Satcharitra in Hindi
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Sai Satcharitra is the story of Sai baba.

गुप्त हनुमान मंत्र

गुप्त हनुमान मंत्र साधना एक अध्यात्मिक साधना है जिससे आपको रामभक्त हनुमानजी का अनुग्रह काफी जल्दी प्राप्त हो शकता है .

निलावन्ती पुस्तक की कथा
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यह एक काल्पनिक कथा है जो एक ऐसे किताब के बारेमें है जिसमे पशु पक्षियों से बात करनेके गुप्त मन्त्र थे। Story of Nilavanti book.

दिव्य गान
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यह एक काल्पनिक कथा है| इसमे परियो के देश कि कहानी है..!

मंत्रि कि बदली
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जगन्नाथ कि जन्मकथा
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यह पुरी मे स्थित भगवान जगन्नाथ कि सच्ची जन्मकथा का वर्णन है...! यह कथा इतने सालो बाद भी उतनीही रोचक मालूम पडती है...!

काझी का फैसला
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यह एक मजेदार कहानी है जो तब कि है जब लोगोंके पास आईना नाही होता था...!

आश्चर्य महाश्चार्या
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अशर्फीयाँ
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यह कहानी है एक सच्चे आदमी कि जिसने आपनां मान बचाने के लिये न कि हुई गळती को भी मान लिया था.! यह कहानी से हमे सिख मिलती है कि इमानदारी कि हमेशा जीत होती है...

तीन नारियल

यह एक आदमी कि रोचक कथा है जिसमे उसके जीवन मे एक साधू के आने से होने वाले उलथ पुल्थ कि कथा

मुखियाँ
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एक गाँव में एक बूढ़ा रहता था। उसका नाम क्या था यह तो मुझे नहीं मालूम। लेकिन गाँव के लोग उसे 'बाबा' कहते थे। बाबा बड़ा विद्वन, बुद्धिमान और दयावान था। उस गाँव के सब लोग उसका बड़ा सम्मान करते थे। उस गाँव का मुखियाँ भी वही था। गाँव के छोटे बच्चे बाबा को बहुत प्यार करते थे बाबा को देखे बिना और उससे कुछ बात किए बिना बच्चों को कल नहीं पड़ती थी। यह कथा इस बाबा के सुझ बुझ कि है...!

राजा भोज
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एक गाँव में एक ग़रीब ब्राह्मण रहता था। यह बड़ा विद्वान था। लेकिन उन दिनों विद्वानों की उतनी पूछ-खबर नहीं थी। इसलिए बेचारा ब्राह्मण ग़रीबी से छुटकारा नहीं पा सका। इस पर उसका परिवार भी बहुत बड़ा था। बाल-बच्चे बहुत थे और कमाने वाला कोई नहीं था। आखिर एक दिन ब्राह्मण अपनी जिंदगी से तंग आ गया। वह घर में किसी से कहे-सुने बिना चुपचाप काशी की ओर निकल गया। उसके जीवन को जो मोड आय व्ह भूतही रोचकता से इसमे बताया है....!

शेर को सव्वाशेर

एक गाँव में छरियाराम नाम का एक बडा धूर्त उग रहता था। नजदीक ही के एक दूसरे गाँव में एक और ठग रहता था, जिसका नाम था कपटीराम। दोनों लोगों को ठगने में एक दूसरे से बढ़कर थे। संयोगवश ये दोनों एक दिन किसी जगह मिले। फिर जो हुआ वह इसमे बताया है...

त्यागशील लडकी
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एक राजा के यहा घंटा बनाने कि लिये एक शिल्पकार को बुलाया परंतु उसके हाथ से व्ह घंटा बन नही प रही ठी तब बेचारे कुवान-यू को क्या मालूम कि उसकी बेटी इतने विश्वास के साथ क्यों बोल रही है उसे क्या खबर थी कि उसकी बेटी के मन में क्या है? फिर भी उसे उस पर बड़ा विश्वास था और वह जानता था कि, वह कभी झूठ नहीं बोलती। इसलिए फिर उसने घण्टा ढालने की तैयारी कर दी। जब यह दिन आया तो बहुत लोग तमाशा देखने आए।

राजा की वायोलिन
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कपटी साधू और चलाख चेला
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पुराने जमाने में स्वामी भोजनानन्द नामक एक कपटी साधु रहता था। वह गाँव-गाँव घूमकर लोगों को अच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाता और लम्बे लम्बे उपदेश देता था। यही उसका पेशा था। अन्य लोग उसे बड़ा भारी भक्त समझते थे। उसने लम्बी दाढ़ी बढ़ा ली थी और गेरुण वस्त्र पहन लिए थे। गले में रुद्राक्ष की मालाएँ भी लटकती थीं। जहाँ चार आदमी मिल जाते वहीं यह व्याख्यान देने लगता... यह कहानी इसी साधू और उसके चेले कि है...

भगत के बोल



गर्विली गौरी
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एक समय एक राजा रहता था। उस राजा के कोई लड़का न था। सिर्फ एक लड़की थी। उसका नाम था गौरी| गौरी के छुटपन में ही उसकी माँ स्वर्ग सिधार गई थी। इसलिए राजा ने उसे बड़े लाड-प्यार से पाला। उसे कभी किसी चीज़ की कमी न होने दी। यों ज्यादा प्यार-दुलार पाने से वह लड़की सिर-चढ़ी हो गई।

वनकुमारी
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एक समय वनकुमारी नामक एक सुन्दरी बालिका थी। यह जैसी सुन्दरी थी, बुद्धि भी उसकी वैसी ही पैनी थी। वह हमेशा समुंदर के किनारे नाग कन्याओं के साथ खेलती रहती थी। उसकी माता का नाम था वनदेवी। धरती पर सब तरह के पेड़-पौधे, बेल-बूटे कौरह उपजाना उसी का काम था। उसी की आज्ञा से पेड़ों में फल लगते और पौधों में फूल। खेतों में धान उपजता और बाड़ियों में तरकारियाँ। उसी की कृपा से मैदानों में मुलायम हरी-हरी घास बिछ जाती। उसका नाम भी इसी से 'वनदेवी’ पड़ गया था। यह कथा उस वनदेवी के बेटी कि है.....!

ऋण का बोझ
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सैकड़ों बरस पहले की बात है। धारानगर में धरमू नाम का एक चमार रहता था। वह अपने भाई-चामरोन्की तरह वह भी जूते बना कर अपनी रोज़ी रोटी चलाता था। वह उस गाव की चौकीदारी का काम भी करता था। यह कथा उसके ऋण क बोझ कि है जो उतरने के हेतू वह पुरा जीवन व्यतीत कर देता है..

सब में ब्रह्म है !
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“सर्वम् खल्विदं ब्रम्हासी । सारा संसार ब्रह्ममय है। मुझ में, तुझ में, ईंट-पत्थर में, पेड-पौधों में कीडे-मकोडों में, हर जगह, हर चीज में ब्रम्ह है।”

सदव्रत का प्रभाव
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किसी गाँव में एक ब्राह्मण रहता था। अगर कोई भूला-भटका राही उसके घर या जाता तो वह उसकी बड़ी आव-भगत करता और बड़े प्रेम से खिलाता-पिलाता था। उसके घर से कोई भी दीन-दुखिया भूखा वापीस नहीं जाता था। अगर किसी दिन संयोग वश कोई मेहमान उसके घर नहीं जाता तो वह खुद किसी को ढूँढ़ लाने को निकल जाता। इस तरह जब बहुत दिन बीत गए तो एक दिन ब्राह्मण को यह जानने की इच्छा हुई कि इस तरह सदाव्रत करने का फल क्या होता है ?

शक्की राजा
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एक शहर में एक राजा रहता था। वह बढ़ा शकी था। अपनी इस कमजोरी के कारण वह कभी-कभी बड़ी मुसीबत में पड़ जाता था। उसी शहर में बच्चूराम नाम का एक बड़ा धूर्त ज्योतिषी रहता था। यह अपने को बड़ा भारी ज्योतिषी कहता था और लोगों को ठगता फिरता था। लेकिन वास्तव में यह ज्योतिष विद्या बिलकुल नहीं जानता था। पर अपनी चतुराई से यह थोड़े ही दिन में मशहूर हो गया।

विधी का विधान
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पुराने जमाने में एक राजा था| उसकी इकलौती बेटी का नाम सुशीला था। राजा ने लड़की को बड़े लाड़-प्यार से पाला। उसे किसी चीज़ की कमी न होने दी। सयानी हो गई तो लेकिन तब वह लड़की कि वजह से राजा और रानी में झगड़ा उठ खड़ा हुआ। यह कहानी मे लिखा है कि कैसे विधी का विधान कोई नही बदल सकता|

सोने का भेडा
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किसी जमाने में एक राजा था। उसके दो रानियाँ थीं। बहुत दिनों बाद बड़ी रानी के एक लड़की पैदा हुई। लेकिन छोटी रानी के कोई सन्तान न हुई। जन बड़ी रानी की लड़की सयानी हुई तो उसकी सुन्दरता की चर्चा सुन कर दूर-दूर के राजकुमार उस से ब्याह करने के लिए आने लगे। लेकिन छोटी रानी कोई-न-कोई उपाय रच कर सब को निराश कर देती थी। राजा भी उसकी बात नहीं टालता था| इसलिए राजकुमारी का यह नहीं हो सका। अपनी सौतेली लड़की को और भी कष्ट देने के लिए छोटी रानी ने एक उपाय सोचा।