रामानुजन ने इंग्लैण्ड में पाँच वर्षों तक मुख्यतः संख्या सिद्धान्त के क्षेत्र में काम किया।

सूत्र

रामानुजन् ने निम्नलिखित सूत्र प्रतिपादित किया-


इस सूत्र की विशेषता यह है कि यह गणित के दो सबसे प्रसिद्ध नियतांकों ('पाई' तथा 'ई') का सम्बन्ध एक अनन्त सतत भिन्न के माध्यम से व्यक्त करता है।

पाई के लिये उन्होने एक दूसरा सूत्र भी (सन् १९१० में) दिया था-



रामानुजन संख्याएँ

'रामानुजन संख्या' उस प्राकृतिक संख्या को कहते हैं जिसे दो अलग-अलग प्रकार से दो संख्याओं के घनों के योग द्वारा निरूपित किया जा सकता है।

उदाहरण

इसी प्रकार,





अतः 1729, 4104, 20683, 39312, 40033 आदि रामानुजन संख्याएं हैं।

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