कभी
सुदास नामक एक राजा एक घने वन में
शिकार खेलता अपने साथियों से बिछुड़ गया। थकान
से चूर, घोड़े से उतर वह एक पेड़ के नीचे
बैठ गया वहाँ बैठते ही उसे गहरी नींद आ गई।
तभी उसके सुन्दर शरीर के देख एक सिंहनी आकृष्ट हुई और प्यार
से उसके पैरों को चाटने लगी। जब
सुदास की नींद टूटी तो उसे भी सिंहनी
से प्रेम हो गया। दोनों के सम्बन्ध
से सिंहनी ने कलमसपदास नामक एक पुत्र को जन्म दिया। फिर तीनों
साथ रहने लगे। कुछ दिनों तक राजा
उनके साथ रहता रहा फिर वह किसी तरह
मार्ग ढूँढ अपने राज्य को लौट आया।
जब राज्य में सुदास के लौटने का उत्सव
मनाया जा रहा था तो उसने चुपके से सिंहनी और अपने
बच्चे को भी राजमहल में प्रविष्ट करा
लिया। और फिर वहीं अपने परिवार के
साथ सुखपूर्वक रहने लगा।