एक रोज की तरह ही मैं घर से आफिस जाने के लिए बस स्टॉप पर पहुंचा तो वो वहां हम पहली बार बस स्टॉप पर मिले। हम दोनों ही बस का इंतजार कर रहे थे। उसे देखकर लगता था कि वो किसी दूसरे शहर से है क्योंकि वो भीड़ मे कुछ सहमी-सहमी सी थी । मै काफी देर से उसी को देख रहा था तभी हमारी बस आती है और हम सब बस मे चढ़ने के लिए आगे बढ़ते हैं और बस मे चढ़ जाते है। बस मे वो बिल्कुल हमारे आगे ही खड़ी थी अगले स्टेशन पर एक सीट खाली होती है। मै उस सीट के करीब होता हूं लेकिन जब मैने देखा कि वो कुछ परेशान लग रही थी तो मैंने उसको उसके सीट पर बैठने का प्रस्ताव दिया वो झट से पीछे आई और सीट पर बैठ कर मुझे धन्यवाद दिया। मैंने उसे एक हल्की सी मुस्कान दी और वहीं पर खड़ा हो गया। कुछ देर बाद मेरा स्टाप आ गया और मै उतर गया। 

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