दरस म्हारे बेगि दीज्यो जी
ओ जी अन्तरजामी ओ राम  खबर म्हारी बेगि लीज्यो जी

आप बिन मोहे कल ना पडत है जी
ओजी तडपत हूं दिन रैन रैन में नीर ढले है जी

गुण तो प्रभुजी मों में एक नहीं छै जी
ओ जी अवगुण भरे हैं अनेक अवगुण म्हारां माफ करीज्यो जी

भगत बछल प्रभु बिड़द कहाये जी
ओ जी भगतन के प्रतिपाल सहाय आज म्हांरी बेगि करीज्यो जी

दासी मीरा की विनती छै जी
ओजी आदि अन्त की ओ लाज  आज म्हारी राख लीज्यो जी
Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel