एक राजा था जिसने एक नागराज को कुछ दबंगी बच्चों से बचाया था जो नागराज को मार डालने वाले थे | तब नागराज ने प्रसन्न होकर राजा को वरदान दिया के वह हर जानवर तथा जिव जंतु की भाषा समझ सकेगा | लेकिन एक शर्त थी अगर वह किसीको यह बताये के उसे जानवरो तथा जिव जंतुवो की भाषा अवगत है तो उसकी जान चली जाएगी | एक दिन राज्य का कारभार ख़तम करने के बाद अपने रानी के साथ बाग़ में कुछ  खा रहा था तो एक टुकड़ा निचे गिर गया तभी वहा से गुजर रही चीटी ने कहा 'अरे ! वाह कितना बड़ा स्वादिष्ट टुकड़ा है , इसे ले जाने केलिए तो एक बैल गाड़ी लगेगी | '  बाद में चीटी टुकड़े को उठाने की कोशिश करने लगी | यह सब सुनकर राजा को हसी आयी | तब पास में बैठी रानी को लगा के राजा उसपर ही हस रहे है |  तब रानी ने इसका कारन राजा से पूछा के उसके श्रृंगार में कुछ गड़बड़ी तो नहीं है ?

लेकिन राजा ने बात को टाल दिया | जब राजा और रानी शयन कक्ष पहुंचे तो रानी तरह तरह के नखरे कर राजा से जानने की कोशिश करने लगी के राजा को किस बात पर हसी आयी थी |  तब राजा ने बताया के वह नहीं बता सकता क्योंकि कारन बताने से उसकी जान भी जा सकती है | लेकिन रानी नहीं मानी | तब राजा ने रानी से कहा के वह कल बाग़ में बतायेगा |

जब राजा बाग़ में कुछ सहकारियों के साथ बाग़ से गुजर रहा था तब उसने एक बकरी और गधे की बात सुनी | बकरी ने गधे से कहा के "राजा तो गधे से भी जादा मुर्ख है | वह जब रानी को बतायेगा के उसको चीटी की भाषा समझ आयी थी तभी वह मर जायेगा यह बात जानकर भी राजा सिर्फ रानी को खुश करने केलिए जान से हात धो बैठेगा | जब राजा मर जायेगा तो रानी उसकी सारी सम्पति पाकर दूसरे पुरुष के साथ मजे करेगी | " यह बात सुनकर राजा को अहसास हुवा के वह बहुत मूर्खता कर रहा है |

जब रानी बाग़ आयी तब राजा ने कहा के वह बात बताएगा लेकिन उसके जान निकल जायेंगे इसिलिये रानी को एक शर्त राखी | रानी को सौ कोडो की मार खानी पड़ेगी तभी वह बतायेगा | तब रानी को लगा के राजा उससे बहुत अधिक प्रेम करता है इसिलिये हलके से कोड़े मारेगा | लेकिन राजा ने एक सिफाई को बुलाकर जोर जोर से रानी को कोडो से  मारने की आज्ञा दी |  तब रानी चिल्लाके कहने लगी उसे नहीं जानना के राजा क्यों हस पड़ा था लेकिन उसे कोड़े न मारे जाए | तब राजा ने सोचा के रानी को उसके जीवन की परवाह नहीं लेकिन उसे कोडो से परेशानी है | तब राजा ने और जोर से कोड़े बरसाने की आज्ञा दी | बाद में मंत्री ने राजा से कहा के वह रानी को क्षमा कर दे | राजा ने रानी को माफ़ तो किया लेकिन उसको पहले जैसा प्यार और मान सम्मान नहीं दिया |

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