आम्बेडकर को एक अर्थशास्त्री के तौर पर प्रशिक्षित किया गया था, और 1921 तक एक पेशेवर अर्थशास्त्री बन चूके थे। जब वह एक राजनीतिक नेता बन गए तो उन्होंने अर्थशास्त्र पर तीन विद्वत्वापूर्ण पुस्तकें लिखीं:

अ‍ॅडमिनिस्ट्रेशन अँड फायनान्स ऑफ दी इस्ट इंडिया कंपनी
द इव्हॅल्युएशन ऑफ प्रॉव्हिन्शियल फायनान्स इन् ब्रिटिश इंडिआ
द प्रॉब्लम ऑफ द रूपी : इट्स ओरिजिन ॲन्ड इट्स सोल्युशन

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), आम्बेडकर के विचारों पर आधारित था, जो उन्होंने हिल्टन यंग कमिशन को प्रस्तुत किये थे।

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