एक जंगल में एक कौआ रहता था। उसके एक लाडली बिटिया थी। उस जमाने में लड़के और लड़कियाँ दोनों पढ़ा करते थे। सब लोग पढ़े लिखे होते थे। कौए ने सोचा जब सब लोग पढते हैं, तो मेरी बिटिया क्यों न पढे। यह सोचकर उसने अपनी विटिया को खूब पढाया-लिखाया। उस जमाने में सब लोग गाय बजाया करते थे। ये कहाणी है एक कौआ बिटिया की...!
कहते हैं कि किसी जमाने में एक बड़ी ही सुन्दर लड़की थी। वह सूत निकालना और बुनना बहुत अच्छी तरह जानती थी। उस का निकाला हुआ सूत बहुत महिंगा होता था। देखिये और पढिये वह सुंदर लडकी की कहानी...!
पुराने ज़माने की बात है। एक गाँव में धर्मपाल नाम का एक व्यापारी रहता था। उसके जैसा धर्मात्मा और बात का सच्चा आदमी मिलना मुश्किल था। दीन-दुखियों की सहायता करने में उससे बढ़ा-चढ़ा और कोई न था सचमुच जैसा उसका नाम था वैसा ही उस का काम भी। इसलिए उस गाँव के ही नहीं, बल्कि आस-पास के गांवों के लोग भी उस की बड़ी इज्जत करते थे। यह कहानी उस पिताह के प्यार की है..!
बझाल नामक शहर में श्री गौरांग नाम के एक बडे भक्त हो गए हैं। वे एक भक्त ही नहीं, बल्कि बड़े भारी पंडित भी थे। तर्क शास्त्र में उन की बराबरी करने वाला कोई न था। यह कहानी वह होशियार पंडित की है..!
आपने समुंदर तो देखा ही होगा। देखने में वह कैसा नीला और कैसा सुंदर होता है| उसकी गहराई की थाह पाना बहुत कठिन है। कहते हैं, समुंदर में भी बड़े-बड़े पहाड़, छोटे मोटे टीले, और बहुत ही सुंदर गुफ़ाएँ हैं। समुंदर में रहने वाले गुफाओं में रहते हैं। लेकिन वे गुफाएँ हमारे घरों और महलों वे से कहीं ज्यादा खूबसूरत होती हैं। उन गुफाओं की दीवारें मूंगों की और छतें मोतियों की होती हैं। ये कहानी है सुरजमुखी के प्यार की..!
यह एक गरीब ब्राह्मण की कहाणी है| जो आपने लोभ पर काबू नाही पा सका, उसके वजह से उस के परिवार को बहोत सी कठीनाइयोन्का सामना करना पडा|
यह कहानी है कैसे तमाल का पेड सारे सालभर हर भर रेहता है..! क्या किसी भगवान ने वर दिया था या कोई और बात है..?? पढिये तमाल का पेड..
संसार में कौन ऐसा होगा जो सूरज को न जानता हो! सूरज भगवान पूरन की ओर एक किले में रहते हैं। वे हर रोज़ अपने सात घोड़ों वाले रथ पर सवार होकर किले से निकलते हैं और आस्मान के रास्ते पश्चिम की सेर करने जाते हैं। सूरज भगवान का किला देखने में जितना सुन्दर है उतना ही मजबूत भी है। ईस किले क द्वार पर जो देवी रेहती थी उनके जीवन की कहानी ईस कहानी मी लिखी है...!
ब्रह्मा जि जो विवाह की गांठ स्वर्ग मे बांधते है की वह गांठ साक्षात पृथ्वीपर कैसे काम करती है?? क्या सच्मे अपने विवाह की गांठ स्वगर मी बंटी है?? क्या हम कभी यह होनी को टाल सकते है?? इसके इर्त गीर्त घुमती है...!
किसी गाँव में विश्वासी नामक एक गरीब आदमी रहता था। मुद्दत के बाद जब उसके एक लड़की पैदा हुई तो उसने उसका “मुनीबाई” नाम रखा और बड़े लाड़ प्यार के साथ पालने लगा। उसकी औरत ने ऐंड़ी-चोटी का पसीना एक करके कुछ रुपये कमाए और उनसे एक अशर्फी खरीदी। लेकीन वह अशरफी का क्या हुआ?? उसने आपनी मुन्नी को बलियाँ करने के लिये क्या किया यह ईस कहानी मे लिखा है..!
एक गाँव में एक ग़रीब आदमी रहता था । उसका इकलौता लड़का विवाह के लायक हो गया था। लेकिन उसके ज़मीन-जायदाद कुछ न थी। इसलिए उसका विवाह न हो रहा था। जैसे-जैसे दिन बीतते गए, लड़के के माँ बाप उस चिंता से घुलने लगे। एक दिन वे गाँव के एक पण्डित जी के घर गए और हाथ जोड़ कर जो ख उसकी वजाह से उस लडके के जीवन मे क्या हुं यह वर्णन किया है|
किसी जमाने में एक राजा था। उसके दो रानियाँ थीं। बहुत दिनों बाद बड़ी रानी के एक लड़की पैदा हुई। लेकिन छोटी रानी के कोई सन्तान न हुई। जन बड़ी रानी की लड़की सयानी हुई तो उसकी सुन्दरता की चर्चा सुन कर दूर-दूर के राजकुमार उस से ब्याह करने के लिए आने लगे। लेकिन छोटी रानी कोई-न-कोई उपाय रच कर सब को निराश कर देती थी। राजा भी उसकी बात नहीं टालता था| इसलिए राजकुमारी का यह नहीं हो सका। अपनी सौतेली लड़की को और भी कष्ट देने के लिए छोटी रानी ने एक उपाय सोचा।
पुराने जमाने में एक राजा था| उसकी इकलौती बेटी का नाम सुशीला था। राजा ने लड़की को बड़े लाड़-प्यार से पाला। उसे किसी चीज़ की कमी न होने दी। सयानी हो गई तो लेकिन तब वह लड़की कि वजह से राजा और रानी में झगड़ा उठ खड़ा हुआ। यह कहानी मे लिखा है कि कैसे विधी का विधान कोई नही बदल सकता|
एक शहर में एक राजा रहता था। वह बढ़ा शकी था। अपनी इस कमजोरी के कारण वह कभी-कभी बड़ी मुसीबत में पड़ जाता था। उसी शहर में बच्चूराम नाम का एक बड़ा धूर्त ज्योतिषी रहता था। यह अपने को बड़ा भारी ज्योतिषी कहता था और लोगों को ठगता फिरता था। लेकिन वास्तव में यह ज्योतिष विद्या बिलकुल नहीं जानता था। पर अपनी चतुराई से यह थोड़े ही दिन में मशहूर हो गया।
किसी गाँव में एक ब्राह्मण रहता था। अगर कोई भूला-भटका राही उसके घर या जाता तो वह उसकी बड़ी आव-भगत करता और बड़े प्रेम से खिलाता-पिलाता था। उसके घर से कोई भी दीन-दुखिया भूखा वापीस नहीं जाता था। अगर किसी दिन संयोग वश कोई मेहमान उसके घर नहीं जाता तो वह खुद किसी को ढूँढ़ लाने को निकल जाता। इस तरह जब बहुत दिन बीत गए तो एक दिन ब्राह्मण को यह जानने की इच्छा हुई कि इस तरह सदाव्रत करने का फल क्या होता है ?
“सर्वम् खल्विदं ब्रम्हासी । सारा संसार ब्रह्ममय है। मुझ में, तुझ में, ईंट-पत्थर में, पेड-पौधों में कीडे-मकोडों में, हर जगह, हर चीज में ब्रम्ह है।”
सैकड़ों बरस पहले की बात है। धारानगर में धरमू नाम का एक चमार रहता था। वह अपने भाई-चामरोन्की तरह वह भी जूते बना कर अपनी रोज़ी रोटी चलाता था। वह उस गाव की चौकीदारी का काम भी करता था। यह कथा उसके ऋण क बोझ कि है जो उतरने के हेतू वह पुरा जीवन व्यतीत कर देता है..
एक समय वनकुमारी नामक एक सुन्दरी बालिका थी। यह जैसी सुन्दरी थी, बुद्धि भी उसकी वैसी ही पैनी थी। वह हमेशा समुंदर के किनारे नाग कन्याओं के साथ खेलती रहती थी। उसकी माता का नाम था वनदेवी। धरती पर सब तरह के पेड़-पौधे, बेल-बूटे कौरह उपजाना उसी का काम था। उसी की आज्ञा से पेड़ों में फल लगते और पौधों में फूल। खेतों में धान उपजता और बाड़ियों में तरकारियाँ। उसी की कृपा से मैदानों में मुलायम हरी-हरी घास बिछ जाती। उसका नाम भी इसी से 'वनदेवी’ पड़ गया था। यह कथा उस वनदेवी के बेटी कि है.....!
एक समय एक राजा रहता था। उस राजा के कोई लड़का न था। सिर्फ एक लड़की थी। उसका नाम था गौरी| गौरी के छुटपन में ही उसकी माँ स्वर्ग सिधार गई थी। इसलिए राजा ने उसे बड़े लाड-प्यार से पाला। उसे कभी किसी चीज़ की कमी न होने दी। यों ज्यादा प्यार-दुलार पाने से वह लड़की सिर-चढ़ी हो गई।
पुराने जमाने में स्वामी भोजनानन्द नामक एक कपटी साधु रहता था। वह गाँव-गाँव घूमकर लोगों को अच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाता और लम्बे लम्बे उपदेश देता था। यही उसका पेशा था। अन्य लोग उसे बड़ा भारी भक्त समझते थे। उसने लम्बी दाढ़ी बढ़ा ली थी और गेरुण वस्त्र पहन लिए थे। गले में रुद्राक्ष की मालाएँ भी लटकती थीं। जहाँ चार आदमी मिल जाते वहीं यह व्याख्यान देने लगता... यह कहानी इसी साधू और उसके चेले कि है...
एक राजा के यहा घंटा बनाने कि लिये एक शिल्पकार को बुलाया परंतु उसके हाथ से व्ह घंटा बन नही प रही ठी तब बेचारे कुवान-यू को क्या मालूम कि उसकी बेटी इतने विश्वास के साथ क्यों बोल रही है उसे क्या खबर थी कि उसकी बेटी के मन में क्या है? फिर भी उसे उस पर बड़ा विश्वास था और वह जानता था कि, वह कभी झूठ नहीं बोलती। इसलिए फिर उसने घण्टा ढालने की तैयारी कर दी। जब यह दिन आया तो बहुत लोग तमाशा देखने आए।
एक गाँव में छरियाराम नाम का एक बडा धूर्त उग रहता था। नजदीक ही के एक दूसरे गाँव में एक और ठग रहता था, जिसका नाम था कपटीराम। दोनों लोगों को ठगने में एक दूसरे से बढ़कर थे। संयोगवश ये दोनों एक दिन किसी जगह मिले। फिर जो हुआ वह इसमे बताया है...
एक गाँव में एक ग़रीब ब्राह्मण रहता था। यह बड़ा विद्वान था। लेकिन उन दिनों विद्वानों की उतनी पूछ-खबर नहीं थी। इसलिए बेचारा ब्राह्मण ग़रीबी से छुटकारा नहीं पा सका। इस पर उसका परिवार भी बहुत बड़ा था। बाल-बच्चे बहुत थे और कमाने वाला कोई नहीं था। आखिर एक दिन ब्राह्मण अपनी जिंदगी से तंग आ गया। वह घर में किसी से कहे-सुने बिना चुपचाप काशी की ओर निकल गया। उसके जीवन को जो मोड आय व्ह भूतही रोचकता से इसमे बताया है....!
एक गाँव में एक बूढ़ा रहता था। उसका नाम क्या था यह तो मुझे नहीं मालूम। लेकिन गाँव के लोग उसे 'बाबा' कहते थे। बाबा बड़ा विद्वन, बुद्धिमान और दयावान था। उस गाँव के सब लोग उसका बड़ा सम्मान करते थे। उस गाँव का मुखियाँ भी वही था। गाँव के छोटे बच्चे बाबा को बहुत प्यार करते थे बाबा को देखे बिना और उससे कुछ बात किए बिना बच्चों को कल नहीं पड़ती थी। यह कथा इस बाबा के सुझ बुझ कि है...!
यह एक आदमी कि रोचक कथा है जिसमे उसके जीवन मे एक साधू के आने से होने वाले उलथ पुल्थ कि कथा
यह कहानी है एक सच्चे आदमी कि जिसने आपनां मान बचाने के लिये न कि हुई गळती को भी मान लिया था.! यह कहानी से हमे सिख मिलती है कि इमानदारी कि हमेशा जीत होती है...
यह एक मजेदार कहानी है जो तब कि है जब लोगोंके पास आईना नाही होता था...!
यह पुरी मे स्थित भगवान जगन्नाथ कि सच्ची जन्मकथा का वर्णन है...! यह कथा इतने सालो बाद भी उतनीही रोचक मालूम पडती है...!
यह एक काल्पनिक कथा है| इसमे परियो के देश कि कहानी है..!