वो शब्द जिसके आगे
सब शब्द निःशब्द हैं ,
वो है माँ |
ब्याँ नहीं किया जा सकता
जिसे चंद वाक्यों में ,
वो हैं माँ |
केवल तस्वीरों से व्यक्त नहीं किया जा सकता जिसका प्यार,
वो हैं माँ |
जिसका हर दिन हमारे लिये हैं,
उसके लिये केवल एक दिन निकाले,
ये तो अन्याय हैं,
क्यूँ ना रोज ही थोड़ा समय निकाले
जिसका हर समय हमारे लिये हैं।