वो रामायण तो दिखा गये,
पर खुद राम ना बन सके|
वो राम वनवास तो दिखा गये,
पर खुद वनवास (कष्ट) काट ना सके|
वो रावण वध तो दिखा गये,
पर खुद के रावण को जला ना सके|
वो सीता की अग्निपरीक्षा तो ले गये
पर आज की सीता को बचा ना सके|
वो राम राज्य की खुशहाली तो दिखा गये,
पर खुद के राज्य को खुशहाल ना बना सके|
वो राम का देशप्रेम तो दिखा गये,
पर खुद देशप्रेम का मर्म ना समझ सके|
करते रहे वो राम राज्य की बातें,
पर राज्य की नींव (मजदूर) को भी बचा ना सके।