यहाँ सब हैं एक रहस्य,
पेड़ों की पत्तियों में,
फूलों के परागो में,
सागर की लहरों में,
नदी के बहाव में,
जंगल की मिट्टी में,
पहाड़ों की ऊंचाई में,
सब हैं एक रहस्य।
और सबसे बड़ा रहस्य इंसान होने में,
दिखने में सब एक जैसे,
सबके वही दो आंख, दो बाह , दो पैर,
फिर भी सब हैं भिन्न,
क्यूँकि, मानव स्वयं हैं एक रहस्य।