गुरु वशिष्ठ और ब्रह्माजी की अनुशंसा पर ही प्रभु श्रीराम को विष्णु का अवतार घोषित किया गया था। श्रीराम के काल में उस वक्त विश्‍वामित्र से वशिष्ठ की लडाई चलती रहती थी। उनके काल में ही भगवान परशुराम भी थे। उनके काल के ही एक महान ऋषि वाल्मीकि ने उन पर रामायण लिखी। अत्रि ऋषि और अष्टावक्र ऋषि श्रीराम के काल में मौजूद थे। 

श्रीराम ने सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए संपाति, जटायु, हनुमान, सुग्रीव, विभीषण, मैन्द, द्विविद, जाम्बवंत, नल, नील, तार, अंगद, धूम्र, सुषेण, केसरी, गज, पनस, विनत, रम्भ, शरभ, महाबली कंपन (गवाक्ष), दधिमुख, गवय और गन्धमादन आदि की सहायता ली। श्रीराम के काल में पाताल लोक का राजा था अहिरावण। अहिरावण श्रीराम और लक्ष्मण का अपहरण करके ले गया था।श्रीराम के काल में राजा जनक थे, जो उनके ससुर  थे। 

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel