गिरिराज गोवर्धन पर्वत मथुरा के निकट स्थित है |पांच हज़ार पहले इस पर्वत की ऊंचाई थी 30000 मीटर लेकिन अब ये सिर्फ 30 मीटर ऊंचाई का रह गया है | पुलस्त्य ऋषि ने इसे श्राप दिया था जिस कारण ये हर रोज़ एक मुट्ठी घटता जाता है |अपने साथियों को जलवृष्टि से बचाने के लिए श्री कृष्ण ने इस पर्वत को अपनी एक ऊँगली पर उठा लिया था | इस पूरी परिक्रमा की लम्बाई 21 किलोमीटर या 7 कोस है | परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, जातिपुरा, मुखार्विद मंदिर, राधाकुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, गोविन्द कुंड, पूंछरी का लौठा, दानघाटी इत्यादि हैं। गोवर्धन में सुरभि गाय, ऐरावत हाथी तथा एक शिला पर कृष्ण के चरण चिन्ह भी हैं |