ये वक्त भी गुजर जायेगा
सारा देश फिर से मुस्कुराएगा ।
सब्र रख एक लम्हें के बाद
इम्तेहान भी ख़त्म हो जाएगा ।

मुरझाई है कलिया बागों की
फिर नई उम्मीद से खिल जायेगी ।
खुली साँस लेंगे इन गलियों में
जब आज़ादी मिल जायेगी ।

आँधिया कई आयेंगी सफ़र में
लाखों मुसीबतों से टकरायेंगे ।
हर चुनोती को पार कर के
ये कश्ती किनारें पर ले जायेंगे ।

अभी तो बस सुमसान सड़के
हर घर में कैद एक कहानी है ।
कहर बरसा तो भी ऐसा
जुबा पे मास्क,आँखो में पानी है ।

हौसला ना मिटने दे तू
डटके योद्धा मैदान में खड़ा है ।
बाहर निकलो ना तूम बेवजह घरो से
यही साथ तुम्हारा सबसे बडा है ।

सलाम इस जंग के हर उस योद्धा को
जो लड़ रहा है जान हतेली पर लेकर ।
परवाह तो उन्हें भी अपने परिवार की,
देश बचाते रहे है कभी अपनो को खो कर ।

सोच लो तुम भी , 
एक बात दिल मे ठान लो,
देश को जरूरत है तुम्हारे साथ की ।
अब जंग ख़ुद की ख़ुद से है,
तो बग़ावत किस बात की ।

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