हिन्दू धर्म में नागों को चमत्कारिक मानते है | प्राचीन समय में नाग नाम की एक रहस्यमयी जाती होती थी | नागों में मुख्य अनंत (शेष), वासुकी, तक्षक, कार्कोटक और पिंगला – इन पांच नागों के कुल के लोगों का ही भारत में बोलबाला था | इन्ही से नागवंश आगे बड़ा था |ग्रामीण स्थानों में नागदेवता लोगों के शारीर में आकर उनकी समस्या दूर करते हैं | सर्पों और नागों ने देवताओं की साधना और तपस्या कर ये विशेष पद प्राप्त किया है | नागों की साधना कर मनचाही सफलता और मनोकामना मिलती है | नाग पूजा के भी विशेष दिन होते हैं |
सर्प प्रजाति के मुख्य 12 सर्प हैं जीने के नाम- 1. अनंत 2. कुलिक 3. वासुकि 4. शंकुफला 5. पद्म 6. महापद्म 7. तक्षक 8. कर्कोटक 9. शंखचूड़ 10. घातक 11. विषधान 12. शेष नाग।