बाल्यवस्था में ही सारे परिवार के भरण पोषण का उत्तरदायित्व कोमल कंधों पर पड़ जाने के कारण उसे वातावरण की जटिलता एवं उसके अनुसार व्यवहार करने की कुशलता मिल गई थी। अतएव फ्रेंच क्रांति में उसका प्रवेश युगांतरकारी घटनाओं का संकेत दे रहा था। फ्रांस के विभिन्न वर्गों से संपर्क स्थापित करने में उसे कोई संकोच या हिचकिचाहट नहीं थी। उसने जैकोबिन दल में भी प्रवेश किया था और २० जून के तुइलरिए (Tuileries) के अधिकार के अवसर पर उसे घटनाओं से प्रत्यक्ष परिचय हुआ था। फ्रांस के राजतंत्र की दुर्दशा का भी उसे पूर्ण ज्ञान हो गया था। यहीं से नैपोलियन के विशाल व्यक्तित्व का आविर्भाव होता है।

नैपोलियन के उदय तक फ्रेंच क्रांति पूर्ण अराजकता में परिवर्तित हो चुकी थी। जैकोबिन और गिरंडिस्ट दलों की प्रतिद्वंद्विता और वैमनस्य के परिणाम स्वरूप ही उस 'आतंक का शासन' संचालित किया गया था, जिसमें एक एक करके सभी क्रांतिकारी यहाँ तक कि स्वयं राब्सपियर भी मार डाला गया था। १७९३ ई॰ में टूलान (Toulan) के घेरे में नैपोलियन को प्रथम बार अपना शौर्य एवं कलाप्रदर्शन का अवसर मिला था। डाइरेक्टरी का एक प्रमुख शासक बैरास उसकी प्रतिभा से आकर्षित हो उठा। फिर १७९५ में जब भीड़ कंर्वेशन को हुई थी, तो डाइरेक्टरी द्वारा विशेष रूप से आयुक्त होने पर नैपोलियन ने कुशलतापूर्वक कंवेंशन की रक्षा की और संविधान को होने दिया। इन सफलताओं ने सारे फ्रांस का ध्यान नैपोलियन की ओर आकृष्ट किया और डाइरेक्टरी ने उसे इटली के अभियान का नेतृत्व दिया (२ मार्च १७९६)। एक सप्ताह पश्चात् उसने जोज़ेफीन (Josephine) से विवाह किया और तदुपरांत अपनी सेना सहित इटली में प्रवेश किया।

Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel