नेपोलियन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और स्थायी कार्य था- विधि संहिता का निर्माण। वस्तुतः क्रांति के पहले फ्रांस की कानून व्यवस्था छिन्न-भिन्न थी और इतने प्रकार के कानून थे कि कानून का पालन कराने वालों को भी उनका ज्ञान नहीं था और क्रांति के दौरान भी यह अराजकता बढ़ गई थी। नेपोलियन ने इस अव्यवस्था को दूर किया। स्वयं नेपोलियन अपनी विधि संहिता को अपने 40 युद्धों से अधिक शक्तिशाली मानता था। इस कोड के द्वारा नेपोलियन ने फ्रांस में सार्वलौकिक कानून पद्धति की स्थापना की।
नागरिक संहिता के तहत उसने परिवार के मुखिया का अधिकार सुदृढ़ किया। स्त्रियाँ पुरूषों के अधीन रखी गई और पति का कार्य पत्नी की रक्षा करना है। तलाक की पद्धति को कठिन बनाया गया। सिविल विवाह की व्यवस्था भी इस संहिता में की गई। इस प्रकार सिविल विवाह और तलाक की प्रथा को मान्यता देकर नेपोलियन ने यूरोप में इस बात का प्रचलन किया कि बिना पादरियों के सहयोग के भी समाज का काम चल सकता है।
इस प्रकार अन्य संहिताएँ जैसे व्यापार संबंधी कानून संहिता, Code of Criminal Proc. आदि बनाए गए। उसके व्यापारिक कोड में श्रमजीवियों के हितों की उपेक्षा की गई थी और उनके संघों पर प्रतिबन्ध को जारी रखा गया था। इस दृष्टि से नेपोलियन ने क्रांति के आदर्शों के विरूद्ध कार्य किया।
इसके बावजूद इस विधि संहिता की महत्ता समूचे देश में कानून की एकरूपता प्रदान करने तथा व्यावहारिक रूप से न्याय व्यवस्था को आसान बनाने में थी। जहाँ-जहाँ नेपोलियन की सेनाएँ गई यह संहिता लागू की गई और नेपोलियन के पराजय के बाद भी बरकरार रही। यह नेपोलियन की एक स्थायी कीर्ति है।
नेपोलियन के विधि संहिता में बुर्जुआ वर्ग के हितों पर ज्यादा जोर दिया गया है। भूमि संबंधी अधिकारी को और मजबूत बनाया गया और व्यक्ति संपति की रक्षा को और मजबूत बनाया गया और व्यक्तिगत संपति की रक्षा के लिए कई कानून बनाए। टे्रड यूनियन बनाना अपराध घोषित किया गया। मुकदमें की स्थिति में मजदूरों की दलीलों के बदले मालिकों की बातों को न्यायालयों को मानने को कहा गया।