ताड़का यूँ तो एक यक्ष की पुत्री थी पर उसका विवाह एक राक्षस सुन्द के साथ हुआ था |अगस्त्य मुनि के एक श्राप के कारण वह कुरूप दिखने लगी | ऐसे में उसने ये ठान लिया की वह ऋषियों को परेशान करती रहेगी |अयोध्या के नज़दीक सुन्दर वन में वह आपने पति और दो पुत्र मारीच और सुबाहु के साथ रहती थी | वह विश्वामित्र के यज्ञों में आये दिन विघ्न पैदा करती रहती थी | इसलिए विश्वामित्र दशरथ पास राम और लक्ष्मण की सहायता मांगने पहुंचे |पहले राम ने ताड़का को मार गिराया और फिर सुबाहु को | मारीच राम के बाणों से आहत हो दूर दक्षिण दिशा की छोर पर जाकर गिर गया |