पानी खोजने वाले सगुनिए आपको भारत में मिल जाएंगे। सगुनिए नीम की टहनी, धातु की मुड़ी हुई छड़, दोलक आदि चीज़ों का उपयोग करके पानी की उपस्थिति की जानकारी देते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि वे कई मामलों में सही साबित भी हुए हैं , और प्रशिक्षित भूवैज्ञानिकों को भी उन्होनें मात दे दी  है। कुछ सगुनिए यह भी दावा करते हैं कि वे बता पाते हैं कि पानी खारा है या मीठा या वह बह रहा है या स्थिर है।
 
इसी प्रकार कई लोग हैं जो आंखें बंद कर किसी की भी कोई खोई हुई वस्तु का पता बता देते हैं। यह काम वे आत्मसम्मोहन के जरिये करते हैं। यहीं काम आजकल पेंडुलम डाउजिंग के माध्यम से किया जाता है। 
 हमारे अवचेतन मन में वह शक्ति होती है कि हम एक ही पल में इस ब्रह्मांड में कहीं भी मौजूद तरंगों से संपर्क कर सकते हैं। उन तरंगों के माध्यम से हम जो जानना चाहते हैं या हमारे जो भी सवाल होते हैं - उसे हम डाउजिंग कहते हैं। डाउजिंग किसी भी छुपी हुई बात को खोजने वाली विद्या है।

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