इराक से मिले करीब 12 कलाकृतियों का ये समूह ,इन मटके के आकार जैसी वस्तुओं को पर्थिंस और सस्सानिंस के समय (२५० बी सी से २२५ ऐ डी)का बताया जा रहा है | छद्म पुरातत्व के जाग्रूकों के मुताबिक ये वस्तुएं असल में बिजली उत्पन्न करने वाले उपकरण हैं जिनका इस्तेमाल अन्य धातुओं(मुख्यतः चाँदी) पर सोने की परत चढ़ाने के लिए किया जाता था | अगर ये अनुमान सही है तो बगदाद बैटरीज वोल्टा की एलेक्ट्रोचेमिकल सेल की १५०० साल से भी पहले की पूर्वज हुईं !
ज़ाहिर है की इतिहासकार और पुरातात्व्वादी इन “विवादास्पद” दावों को ख़ारिज कर रहे हैं | पर उनके बीच में भी इन कलाकृतियों के मूल के समय को लेकर विवाद है | मसलन ब्रिटिश संग्रहालय में प्राचीन पूर्व के पास विभाग के डा सेंट जॉन सिम्पसन का मानना है की ये वस्तुएं सस्सनियन समय से आई हैं और ये वैज्ञानिक प्रकृति की हैं और बिजली को पारित करने की क्षमता रखती हैं | विपरीत में कई लोगों इन वस्तुओं की आकृति उस समय के पारंपरिक भंडारण वाहिकाओं से मिलाई है | और अंत में इस विवाद को बढ़ाने के लिए डिस्कवरी चैनल ने दिखाया की ये ‘मर्तबान’ कम से कम छोटी चीज़ों पर धातू की परत चढ़ाने के लिए इस्तेमाल होता होगा |