हिन्दू एक जीव के कई जन्म लेने की प्रक्रिया के कई कारण बताते हैं :
१.अपने कर्मों को फल भोगने के लिए : दूसरा जन्म लेने का ये सबसे प्रमुख कारण है | सात्त्विक कर्मों(अच्छे या नेक)के फलस्वरूप एक व्यक्ति को स्वर्ग मिलता है | राजस कर्मों(आनंद ढूँढने वाले ) के फलस्वरूप व्यक्ति को मृत्युलोक(पृथ्वी) प्राप्त होता है | और तामस कर्मों ( आलस्य और बुराई से जुड़े )के फलस्वरूप व्यक्ति को पाताल लोक में जाना पड़ता है|
२.अपनी इच्छाओं की पूर्ती के लिए : जब एक व्यक्ति भोग और विलास का शौक़ीन हो जाता है तो उसका आनंद उठाने की उसमें तीव्र लालसा(वासना) होती है| ये अपनी इच्छाओं की पूर्ती की लालसा जीव को नए शरीर लेने के लिए मजबूर करती है |
३. अपनी अधूरी साधना को पूर्ण करने के लिए : जब एक व्यक्ति जो माया से छुटकारा पाने की आध्यात्मिक कोशिश कर रहा हो और बिना उसे हासिल किये उसकी मौत हो जाए तो वह जीव अपनी साधना को पूर्ण करने के लिए दुसरे शरीर में प्रवेश कर लेता है |
४.क़र्ज़ उतारने के लिए :जब एक जीव पर किसी दूसरे जीव का क़र्ज़ चढ़ा होता है तो उस क़र्ज़ को उतारने के लिए उसे दूसरा जन्म लेना पड़ता है | तब जीव एक रिश्तेदार , दोस्त या दुश्मन की तरह जन्म लेता है |
५.किसी महान आत्मा के दिए गए श्राप की तकलीफ सहने के लिए : किसी व्यक्ति का घोर पाप किसी भगवान या ऋषि के प्रकोप को आमंत्रित कर सकते हैं | इसके फलस्वरूप जीव को एक और जनम लेना पड़ता है , जो ज़रूरी नहीं इंसान के रूप में हो |
६.मोक्ष प्राप्ति के लिए: भगवान या किसी गुरु की कृपा से एक जीव को नया शरीर मिलता है ताकि वह मोक्ष प्राप्ति कर सके |