१६ साल की एमी वेइदनेर का शव उनके इन्दिअनापोलीस के घर में मिला था | उन्हें बुरी तरह से पीटा गया था , बलात्कार कर उनका गला घोंट दिया गया था | उस रात वह घर पर अपनी बीमार छोटी बहन का ख्याल रख रही थीं | घर में चोरी भी हुई थी और उनके भाई जॉन पॉल का स्टीरियो गायब था |
कोई सुराग न मिलने के कारण ( सिर्फ एक खूनी हाथ मोजूद था जो उस ज़माने में किसी काम का नहीं था ) ये केस करीब दो दशकों तक धूल चाटता रहा | अंत में आई एम् पी डी के अफसर बिल कार्टर की रूचि इस केस में जागृत हुई जब एक साथी ने उनसे लड़की की याद में फेसबुक पर श्रद्धांजलि पेज लाइक करने को कहा | एक बार बिल ने लड़की के परिवार से बात की और देखा की उन्होनें उम्मीद छोड़ दी है , तो उसने कसम खाई की वह इस वहशी क़त्ल के पीछे का रहस्य पता करलेगा |
एक शक्स जो परिवार और इस केस को अच्छे से जानता था उसने कार्टर को लोगों के नाम की सूची दी जिनसे उसे बात करनी चाहिए | एक था जॉन पॉल वेइदनेर का दोस्त रॉडनी डंक जो गुनाह के वक़्त १८ साल का था | जब डंक कार्टर से मिलने नहीं पहुंचा तो उसने डंक के उँगलियों के निशान हासिल कर उन्हें उस खूनी पंजे से मेल कराया | उन दोनों का मेल एकदम सटीक था |
डंक को इन्दिअनापोलीस के पूर्वी दिशा में एक दोस्त के यहाँ पाया गया | ये देख की उसका गुनाह सबके सामने आ गया है उसने अपनी हाथ की नसें काट लीं | उसकी ये ख़ुदकुशी की कोशिश विफल रही और इस जघन्य अपराध के लिए उसे ६५ साल की सजा हुई |
एमी की माँ ने सजा होने वाले दिन अदालत के सामने प्रेस के लिए एक लिखित दस्तावेज़ जारी किया जिसमें उसने कहा “ मुझे लगा की मैं किसी दरिन्दे का चेहरा देखूँगी पर जिसे मेने देखा वो था रॉडनी | २३ साल ७ महीने और एक दिन तक हम यही सोचते रहे की हमारे घर में कोई अजनबी आया था” |