शब, कि बर्क़े-सोज़े-दिल[1] से ज़ोहरा-ए-अब्र[2] आब[3] था
शोला-ए-जवाला[4] हर इक हल्क़ा-ए-गिरदाब[5] था

वां करम को उज़्रे-बारिश[6] था इनागीरे-ख़िराम[7]
गिरये[8] से यां पुनबा-ए-बालिश[9] कफ़े-सैलाब[10] था

वां ख़ुद आराई[11] को था मोती पिरोने का ख़याल
यां हुजूमे-अश्क[12] में तारे-निगह[13] नायाब[14] था

जल्वा-ए-गुल[15] ने किया था वां चिराग़ां आबे-जू[16]
यां रवां[17] मिज़गाने-चश्मे-तर[18] से ख़ूने-नाब[19] था

यां सरे-पुर-शोर[20] बेख़्वाबी[21] से था दीवार-जू[22]
वां वो फ़रक़े-नाज़[23] महवे-बालिशे-कमख़्वाब[24] था

यां नफ़स[25] करता था रौशन शम्अ-ए-बज़मे-बेख़ुदी[26]
जल्वा-ए-गुल वां बिसाते-सोहबते-अहबाब[27] था

फ़रश से ता-अरश वां तूफ़ां था मौज[28]-ए-रंग का
यां ज़मीं से आस्मां तक सोख़्तन[29] का बाब[30] था

नागहां[31] इस रंग से ख़ूं-नाबा[32] टपकाने लगा
दिल कि ज़ौक़-ए-काविश-ए-नाख़ुन[33] से लज़्ज़त-याब[34] था

नाला[35]-ए-दिल में शब अन्दाज़-ए-असर नायाब था
था सिपन्द[36]-ए-बज़्म-ए-वस्ल-ए-ग़ैर[37], गो बेताब था

मक़दम-ए-सैलाब[38] से दिल क्या निशात-आहंग[39] है
ख़ाना-ए-आशिक़[40] मगर साज़-ए-सदा-ए-आब[41] था

नाज़िश-ए-अय्याम-ए-ख़ाकस्तर-नशीनी[42] क्या कहूं
पहलूए-अन्देशा[43] वक़्फ़[44]-ए-बिस्तर-ए-संजाब[45] था

कुछ न की अपने जुनून-ए-ना-रसा[46] ने, वरना यां
ज़र्रा-ज़र्रा[47] रूकश-ए-ख़ुर्शीद-ए-आलम-तान[48] था

आज क्यों परवा नहीं अपने असीरों[49] की तुझे
कल तलक तेरा भी दिल मेहर-ओ-वफ़ा[50] का बाब[51] था

याद कर वह दिन कि हर इक हल्क़ा तेरा दाम[52] का
इन्तज़ार-ए-सैद[53] में इक दीदा-ए-बेख़्वाब[54] था

मैं ने रोका रात ग़ालिब को वगरना देखते
उसके सैल-ए-गिरयां[55] में गरदूं[56] कफ़-ए-सैलाब[57] था

शब्दार्थ:
  1. दिल जलाने वाली बिजली
  2. बादल का पित्ता
  3. पानी
  4. नाचती हुई आग
  5. भंवर का हर चक्कर
  6. बारिश का बहाना
  7. गति की लगाम थामे हुए
  8. रुदन
  9. तकिए की रूई
  10. पानी का झाग
  11. आत्मसज्जा
  12. अश्रु-समूह
  13. निगाह
  14. दुर्लभ
  15. फूलों की छटा
  16. पानी की धारा
  17. बह रहा था
  18. भीगी आँखों की पलकें
  19. शुद्द रक्त
  20. कड़वाहट भरा सिर
  21. नींद से जग कर
  22. दीवार ढूँढना
  23. कोमल सिर
  24. कीमख़ाब के तकिए पर सोया हुआ
  25. सांस
  26. मस्ती की सभा की शमआ़
  27. एकत्र मित्रों का बिछावन
  28. लहर
  29. जलना
  30. हालत
  31. सहसा
  32. खून की बूंदे
  33. नाख़ून की कुरेद का मज़ा
  34. आनन्दित
  35. आह
  36. एक काला दाना जो आग में गिरकर आवाज़ देता है
  37. प्रतिद्वंदी की मिलन-सभा
  38. बाढ़ का स्वागत
  39. आनन्दित
  40. प्रेमी का घर
  41. पानी का बाजा
  42. धरती पर बैठ कर बिताए दिनों का गर्व
  43. चिंतन की गोद
  44. आराम
  45. मखमल
  46. असहाय पागलपन
  47. कण-कण
  48. सूरज से ईर्ष्या
  49. कैदीयों
  50. प्रेम
  51. स्रोत
  52. जाल
  53. शिकार की प्रतीक्षा
  54. उनींदे नेत्र
  55. आंसुओं की बाढ़
  56. आसमान
  57. बाढ़ की झाग
Please join our telegram group for more such stories and updates.telegram channel